‘Character of A Happy Life’ Explanation in Hindi

Character of A Happy Life

By- Sir Henry Wotton (1568-1639)

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1

How happy is he born or taught

That serveth not another’s will:

Whose armour is his honest thought,

And simple truth his utmost skill!

जो व्यक्ति यह सीख गया है कि दुसरे के इच्छा के अनुसार कार्य नही करना चाहिए, अथवा वह दुसरो के अनुसार कार्य नहीं करता है, वह इस संसार में जन्म लेकर कितन खुश है! अर्थात बहुत खुश हैl

2

Whose passions not his master are:

Whose soul is still prepared for death;

Untied unto the world with care

Of princely love or vulgar breath;

वह व्यक्ति जिसका अपने संवेग (काम, क्रोध, भय, हर्ष, लोभ) पर पूरा नियंत्रण रखता है, अर्थात उसके संवेग उसपर नियंत्रण नहीं रखते, अर्थात जो जो अपने संवेग को काबू में रखता है, सोच-समझ कर कार्य करता है, जिसकी आत्मा मृत्यु से नहीं डरती अर्थात सच व उचित के लिए वह हमेशा मरने के लिए तत्पर रहता है, जो इस संसार में बड़े लोगों के प्रेम-सम्बंध को खोने और जन-साधारण से आलोचना मिलने की परवाह नही करता, निश्चित रूप से वह अपने जीवन में बहुत सुखी रहता हैl

3

Who hath his life from rumours freed,

Whose consceience is his strong retreat;

Whose state can neither flatterers feed’

Nor ruin makes oppressors great;

जिसने अपने जीवन को अफवाहों से मुक्त कर लिया है, अर्थात जो अफवाहों पर ध्यान नही देता, जो सच है, सही है, उचित है उस पर अडिग रहता है, जिसका अंतःकरण उसका मजबूत शरण-स्थल है प्रबल वापसी है अर्थात सुख-दुःख, मुसीबत या भ्रम की स्थिति में वह अपने आत्मा की सुनाता है; जो अपने समृधि या सुख के दिनों में चापलूसों से दूर रहता है, अर्थात जिसकी अच्छी स्थिति चापलूसों को आमंत्रित नहीं करती न ही उसकी दयनीय स्थित या दुख की परिस्थति उसके विरोध करने वाले को महान बनती है, अर्थात जो न किसी से फालतू दोस्ती रखता है न ही किसी से दुश्मनी, वह इस संसार में सबसे सुखी होता हैl

4

Who envies none whom chance doth raise

Nor vice; who never understood

How deepest wounds are given with praise;

Nor rules of state, but rules of good;

जो किसी ऐसे व्यक्ति से इर्ष्या नहीं करता न ही ऐसे व्यक्ति से दुराचार करता है जिसको भाग्य ने सफल बना दिया हो या जिसको बिना मेहनत के भाग्य से ही बहुत कुछ हासिल हुआ हो, अर्थात जो दूसरों की सफलता से जलन न रखता हो, जो यह नही समझता कि प्रसंशा के घाव कितने गहरे होते हैं अर्थात वह झूठी प्रसंशा से प्रभावित नहीं होताl जो किसी राज्य के नियमों की परवाह नही करता बल्कि अच्छाई के नियमों का पालन करता है, वह व्यक्ति अपने जीवन में सबसे सुखी रहता हैl

5

Who God doth late and early pray

More of his grace than gifts to lend;

Who entertains the harmless day

With a well-chosen book or friend;

जो व्यक्ति ईश्वर से उपहार प्राप्त करने के बजाय ईश्वर की कृपा पाने के लिए देर-सबेर ईश्वर की वंदना/प्रार्थना कर लेता है, अर्थात ईश्वर की प्रार्थना किसी फल की प्राप्ति के लिए नहीं करता, जो व्यक्ति अपना खाली समय किसी अच्छे दोस्त के साथ या किसी अच्छी किताब को पढने में व्यतीत करता है, वह अपने जीवन में बहुत सुखी रहता हैl

6

This man is free from servile bands

Of hope to rise’ or fear to fall;

Lord of himself, though not of lands;

And having nothing, he hath all.

ऐसा व्यक्ति दासता के बंधन से मुक्त होता है, वह जीवन में उत्थान-पतन की आशाओं व चिंताओं से मुक्त होता हैl यद्यपि वह जमीन-जायदाद अर्थात भौतिक संपत्ति का मालिक न हो फिर भी वह अपने आप का, अपने सुख, आत्मा, मन और तन का मालिक होता हैl उसके पास कुछ भौतिक संपत्ति कुछ भी न होते हुए भी उसके पास सब-कुछ होता है अर्थात वह दुनिया की सबसे बड़ी दौलत सुख-शांति का मालिक होता हैl

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